प्रति,
माननीय शिवराज सिंह चौहान
मुख्य मंत्री
मध्यप्रदेश शासन भोपाल
द्वारा :- जिलाधीश महोदय
जिला…………………….
विषयः- माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णय दिनांक 30.04.2016 के संबंध में पदोन्नति नियम 2016 बनाये जाने तथा अन्य मांगों की पूर्ति के संबंध में अभ्यावेदन.
महोदय,
मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम-2002 जो मध्यप्रदेश शासन द्वारा तैयार किया गया गया था वह संविधान में निहित प्रावधानों के अनुसार बनाया गया था । इसमें वर्ग का प्रतिनिधित्व कम होने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति में सामाजिक क्षेत्र में अत्यंत पिछड़ापन होने के कारण बनाया गया । साथ ही प्रशासनिक कार्यक्षमता में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया गया था क्योंकि सभी के लिए सी.आर.ग्रेडिंग एक समान रखी गयी थी । माननीय उच्चतम न्यायालय के श्री एम.नागराज प्रकरण में वर्ष 2006 में जो निर्णय दिया गया था उसमें भी यही निर्देष दिये गये थे कि राज्य सरकारें पदोन्नतियों में आरक्षण का नियम बना सकती है किंतु इसके लिए निम्नानुसार 3 विषयों का डाटा 60 दिवस की समयावधि में तैयार कर प्रस्तुत करना होगा :-
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत रखी जावे.
- Indequancy of representation class wise and post wise in promotion.
- शासन द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के Quantifiable data of backwardness के दिये जावें.
मध्यप्रदेश शासन ने वर्ष 2006 के पूर्व एवं उसके पश्चात् भी उक्त डाटा एकत्रित करता रहा है किंतु माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के समक्ष सही तरीके से इस डाटा को प्रस्तुत नहीं करने के कारण दिनांक 30.04.2016 को निर्णय मध्यप्रदेश शासन के विरूद्ध आया है जिससे अनुसूचित जाति/अनसूचित जनजाति वर्ग के आगे बढ़ने के अवसर समाप्त हो गये हैं। वर्तमान में भी पदोन्नतियों में 25 हजार से अधिक बैकलाग एवं सीधी भर्ती में 75 हजार से अधिक बैकलाग के पद रिक्त है और पदोन्नति में जो आरक्षण दिया गया है उसमें एक बार यदि आदर्ष स्थिति आ जाती है तो उसके पश्चात् जिनके पद खाली होंगे उन्हीं के लिए भरी जावेगी ।
माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा एम.नागराज प्रकरण में जिन बिन्दुओं का उल्लेख किया गया है उन बिन्दुओं का समावेश कर एवं पूरी कार्यवाही करने के पश्चात् ही मध्यप्रदेष शासन द्वारा पदोन्नति नियम 2002 बनाये गये थे किंतु शासन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में अपना प़क्ष उचित प्रकार से प्रस्तुत न करने के कारण अप्रिय स्थिति निर्मित हुई एवं इससे वर्ग का बहुत बड़ा भाग प्रभावित होगा ।
अतः संघ द्वारा महोदय से पुनः निम्नानुसार मांग कर अनुरोध किया जाता है किः-
- राज्य सरकार संकल्प पारित कर केन्द्र सरकार को लोक सभा में आरक्षण बिल पारित करने हेतु अनुरोध किया जावे ।
- प्रदेष सरकार द्वारा क्वांटिफाइबल डाटा 10 दिवस में तैयार करवाकर पदोन्नति नियम 2002 के आधार पर पदोन्नति नियम 2016 बनाया जावे ।
- सरकार विधानसभा को विषेष सत्र बुलाकर 2002 से 2016 तक की गई पदोन्नति को निरंतर बनाये रखे जाने हेतु आदेश जारी किया जावे ।
- प्रजातंत्र के मूल्यों को साकार करने तथा राष्ट्र विकास हेतु आवश्यक है कि हर वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व प्राप्त हो, इस तारतम्य में मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को 52 प्रतिषत आरक्षण दिया जावे ।
- भारतीय संविधान में व्यक्ति तथा संगठन को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है, जिसके तहत् वैधानिक रूप से अपनी बात शासन के समक्ष रखने हेतु प्रशासन द्वारा अनुमति प्रदान की जानी चाहिए ।
- माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा 30 अप्रेल 2016 को पदोन्नति में आरक्षण समाप्त किये जाने वाले निर्णय उपरांत प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रशासन मैं बैठे अनारक्षित वर्ग के लोगों द्वारा प्रताडनायें की घटनाओं में अत्यधिक वृद्धि हुई । उक्त घटनाओं को रोकने हेतु कड़े निर्देश जारी किये जावें ।
- अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का कड़ाई से पालन न होने के कारण उक्त अधिनियम प्रभावी नहीं रह गया है । उक्त अधिनियम का कड़ाई से पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जावे ।
- माननीय न्यायालयों में विधिक सेवा से प्राप्त अधिवक्ताओं के चयन में वरिष्ठ तथा योग्य अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के अधिवक्ताओं का चयन कर विधिक सेवा में समुचित प्रतिनिधित्व दिया जावे ।
- माननीय उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय में आरक्षण न होने के कारण वर्तमान में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं होने से तथा महंगी न्याय व्यवस्था के चलते उक्त वर्ग के लोगों की न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास में कमी आ रही है । प्रजातंत्र को साकार करने तथा राष्ट्र विकास हेतु उच्च न्यायिक सेवाओं में आरक्षण दिया जावे ।
- दिनांक 13 दिसम्बर 2015 को ग्वालियर में अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन में माननीय मुख्य मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के संबंध में एक भी आदेश जारी नहीं हुआ है । शासन द्वारा घोषणाओं की पूर्ति हेतु तत्काल आदेश जारी किये जावें।
- सरकार द्वारा भर्ती किये गये लगभग 4,31,562 पदों की नियुक्ति में आरक्षण नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जावे एवं बैकलाग पदों की पूर्ति समय-सीमा में किये जाने के आदेश जारी किये जावें।
संघ का आपसे पुनः विनम्र निवेदन है कि कृपया उक्त बिन्दुओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का कष्ट करें ।
संघ आपका अत्यंत आभारी रहेगा ।
भवदीय
जिला अध्यक्ष
अजाक्स जिला…………………….